गेंदबाजों को फायदा पहुंचाने के लिए आईपीएल में दो अहम बदलाव किए गए हैं। सबसे पहले, कोविड-19 महामारी के दौरान गेंद पर लार के इस्तेमाल पर प्रतिबंध हटा दिया गया है। इस बदलाव से गेंदबाजों को एक बार फिर लार का इस्तेमाल करने की अनुमति मिल गई है, जिससे रिवर्स स्विंग हासिल करना आसान हो गया है, जो उनके शस्त्रागार का एक अहम हिस्सा है। भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने पहले ICC से प्रतिबंध हटाने की अपील की थी और अब इस उपकरण की अनुपस्थिति में गेंदबाजों के सामने आने वाली चुनौतियों को समझते हुए आईपीएल ने इसे वापस लाने का कदम उठाया है।
दूसरा महत्वपूर्ण बदलाव ओस के प्रभाव से निपटने के लिए रात के मैचों की दूसरी पारी में दो गेंदों का इस्तेमाल करना है। क्रिकेट में ओस एक बड़ी समस्या रही है, खासकर रात के खेलों के दौरान, क्योंकि इससे गेंद फिसलन भरी हो जाती है और उसे नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है, जिससे स्पिनर और तेज गेंदबाज दोनों प्रभावित होते हैं। अब से, लक्ष्य का पीछा करने के 11वें ओवर के बाद, फील्डिंग टीम अंपायर के विवेक पर सूखी, खुरदरी गेंद से बदलने का अनुरोध कर सकती है। अगर फील्डिंग टीम को लगता है कि ओस खेल में बाधा डाल रही है, तो अंपायर गेंद को बदल भी सकता है, जिससे गेंदबाजों के लिए खेल का संतुलित मैदान बन जाता है।
ओस का मुद्दा पहले भी विवाद का विषय रहा है, खास तौर पर 2016 टी20 विश्व कप सेमीफाइनल के दौरान, जब उस समय भारतीय कप्तान एमएस धोनी ने वेस्टइंडीज से अपनी टीम की हार के लिए इसे जिम्मेदार ठहराया था। धोनी ने कहा कि शुरुआती कुछ ओवर तो ठीक थे, लेकिन उसके बाद ओस के कारण स्पिनरों के लिए प्रभावी गेंदबाजी करना मुश्किल हो गया। यह नया नियम बदलाव उस चिंता को दूर करता है और इसका उद्देश्य गेंदबाजों के लिए खेल को और अधिक निष्पक्ष बनाना है, जो अक्सर रात के मैचों के दौरान गीली गेंद से जूझते हैं।
इन बदलावों का IPL 2025 कप्तानों और कोचों ने स्वागत किया है, बीसीसीआई ने पुष्टि की है कि दोनों संशोधनों का सर्वसम्मति से समर्थन किया गया। लार पर प्रतिबंध हटाना कप्तानों के सुझावों का हिस्सा था, जिसका कोई विरोध नहीं था। चूंकि आईपीएल एक घरेलू टूर्नामेंट है, इसलिए बीसीसीआई आईसीसी के दिशा-निर्देशों से बंधा नहीं है, जिससे उन्हें ये बदलाव करने की स्वतंत्रता मिलती है।
खेल को और संतुलित बनाने के अलावा, इन नियमों में बदलाव से IPL 2025 की रणनीति पर भी गहरा असर पड़ने की उम्मीद है। गेंदबाजों के पास अब ओस की बाधा के बिना गेंद का बेहतर इस्तेमाल करने का मौका होगा, साथ ही उनके पास दूसरी पारी में दूसरी गेंद का विकल्प भी होगा, जिससे गेंद को पकड़ना और नियंत्रित करना आसान हो जाएगा।